
भारत सरकार का ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियान सिर्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक मिशन है। और इस मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है Kaveri Jet Engine Programme, जिसे भारत के स्वदेशी फाइटर जेट्स जैसे Tejas को पावर देने के लिए डिजाइन किया गया था।
इस ब्लॉग में हम बात करेंगे Kaveri इंजन के निर्माण, इसकी तकनीकी जानकारी (specs), thrust कैपेसिटी, कौन सी company इसे बना रही है, इसका status क्या है, और 2025 में इसकी latest news क्या है। साथ ही, हम अंतरराष्ट्रीय सहयोग, चुनौतियों, भविष्य की योजनाओं और इसके अन्य अनुप्रयोगों पर भी चर्चा करेंगे।
Kaveri Jet Engine Programme की शुरुआत कैसे हुई?
Kaveri Jet Engine Programme की नींव 1986 में DRDO की एजेंसी Gas Turbine Research Establishment (GTRE) ने रखी थी। इसका उद्देश्य था एक ऐसा indigenous turbofan engine बनाना जो भारत के Light Combat Aircraft (LCA) Tejas को संचालित कर सके।
kaveri jet engine programme highlights:
- प्रोजेक्ट शुरू: 1986
- निर्माण संस्था: GTRE (DRDO)
- लागत: ₹2,839 करोड़ (लगभग)
- उद्देश्य: स्वदेशी फाइटर जेट इंजन विकास
- मुख्य विमान: LCA तेजस, भविष्य में AMCA
शुरुआत में इसे 1996 तक तैयार करने का लक्ष्य था, लेकिन तकनीकी और वित्तीय कारणों से इसमें देरी होती गई। अंतरराष्ट्रीय सहयोग की कमी, कंपोजिट मटीरियल की टेक्नोलॉजी, और थ्रस्ट जनरेशन जैसी समस्याएं इसमें बाधा बनीं।
Kaveri Jet Engine Specs (तकनीकी विशेषताएं)
विशेषता | विवरण |
---|---|
इंजन प्रकार | Low-bypass Afterburning Turbofan |
Dry Thrust | लगभग 52 kN |
Afterburner Thrust | 81 kN तक (लक्ष्य) |
स्टेज | 3 स्टेज फैन, 6 स्टेज HP Compressor |
Weight | लगभग 1,100 किग्रा |
Maximum RPM | 12,000+ |
Specific Fuel Consumption | लगभग 0.8 kg/kgf/hr |
Total Pressure Ratio | 21:1 (टारगेट) |
Life Expectancy | 2,000-4,000 घंटे |
👉 kaveri jet engine thrust को लेकर प्रमुख चुनौती यह रही कि यह LCA तेजस की पूरी मांग (90kN+) को पूरा नहीं कर पाया। यही कारण है कि इसे तेजस में फिट नहीं किया जा सका।
Kaveri Jet Engine Status: 2025 में कहां खड़ा है भारत?
2024–25 में एक बड़ी प्रगति सामने आई — भारत ने Kaveri Jet Engine को रूस में टेस्टिंग के लिए भेजा। इससे संकेत मिला कि यह प्रोजेक्ट अब advanced validation चरण में है। रूस के लिकास टेस्ट सेंटर में इसे विभिन्न तापमान और ऊँचाई की परिस्थितियों में परखा गया।
2025 तक kaveri jet engine status:
- इंजन का फेज-1 टेस्ट रूस में शुरू
- DRDO और रूस के बीच MoU
- HAL और प्राइवेट कंपनियों से तकनीकी सहयोग
- Core engine ground testing सफलतापूर्वक पूर्ण
- Modified variant UCAV (Unmanned Combat Aerial Vehicle) के लिए परीक्षणाधीन
क्या Kaveri Jet Engine Cleared हुआ है?
यह सवाल बार-बार गूगल पर पूछा जा रहा है — kaveri jet engine cleared हुआ या नहीं?
GTRE और रक्षा मंत्रालय के अनुसार, इंजन का core functional clearance पूरा हो चुका है। हालांकि, यह अभी भी पूरी तरह से ऑपरेशनल फाइटर जेट में फिट करने योग्य नहीं है, खासकर afterburner performance को लेकर। लेकिन इसके कई modules जैसे कि marine variant या drones में उपयोग की दिशा में clearance मिल रहा है।
कौन सी Company बना रही है Kaveri Jet Engine?
kaveri jet engine company primarily है:
- GTRE (Gas Turbine Research Establishment) – DRDO की एक यूनिट
- HAL (Hindustan Aeronautics Limited) – तकनीकी निर्माण सहयोग
- Private कंपनियां जैसे Godrej Aerospace, Bharat Forge, Larsen & Toubro पार्ट्स सप्लाई करती हैं
हाल ही में निजी क्षेत्र को और अधिक शामिल किया जा रहा है जिससे प्रोजेक्ट की गति तेज हो सके।
Kaveri Jet Engine Update: क्या नया है?
2025 में Kaveri इंजन से जुड़े ये major updates आए हैं:
- इंजन को रूस के लिकास केंद्र में टेस्टिंग के लिए भेजा गया
- फ्रेंच कंपनी Safran के साथ तकनीकी सहयोग पर बातचीत
- AMCA प्रोजेक्ट में Modified Kaveri का प्रयोग प्रस्तावित
- High Altitude Test Facility में टेस्टिंग शुरू
- DRDO द्वारा reverse engineering आधारित सुधार
इन सभी अपडेट्स से पता चलता है कि अब सरकार इसे रणनीतिक रूप से आगे ले जाने के मूड में है।
Kaveri Jet Engine Latest News: July 2025
- रूस में परीक्षण सफल रहा, इंजन ने जरूरी thrust limit को आंशिक रूप से पार किया
- भारत ने फ्रांस के Safran से तकनीकी सहयोग की बातचीत फिर से शुरू की
- AMCA परियोजना में kaveri इंजन के modified version का use प्रस्तावित
- GTRE ने नया प्रोटोटाइप तैयार करने की योजना बनाई है
- वित्त मंत्रालय द्वारा अतिरिक्त फंडिंग स्वीकृत
- ‘Make in India’ और ‘Aatmanirbhar Bharat’ के तहत इसे प्राथमिकता दी जा रही है
Kaveri Jet Engine का अन्य संभावित उपयोग
भले ही यह इंजन अभी तक LCA तेजस में फिट नहीं हो पाया हो, लेकिन इसके उपयोग की संभावनाएं अनेक हैं:
- UAVs (Unmanned Aerial Vehicles) के लिए कस्टम वर्जन
- Maritime Drones और Torpedoes
- AMCA के Twin Engine Variant के लिए modified Kaveri
- High-altitude reconnaissance aircraft
क्या चुनौतियाँ थीं इस इंजन के विकास में?
- Materials & Metallurgy: भारत में उच्च तापमान वाले टर्बाइन ब्लेड के लिए उचित मटीरियल नहीं थे।
- Technology Denial Regime: Cold war के समय तकनीकी सहयोग नहीं मिल पाया।
- Thrust Performance Gap: प्रारंभिक वर्जन में आवश्यक thrust स्तर नहीं मिल सका।
- Test Facilities: भारत में विश्वस्तरीय टेस्ट सेंटरों की कमी रही।
- Funding और नीति समर्थन: शुरू में नीति और फंडिंग में स्पष्टता की कमी रही।
क्या Kaveri Jet Engine का भविष्य उज्ज्वल है?
Yes, Definitely!
हालांकि यह परियोजना कई वर्षों से चल रही है, लेकिन अब यह अपने फाइनल validation phase में है। भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता और रक्षा क्षेत्र में आत्मबल के लिए यह एक ऐतिहासिक कदम होगा।
अब जब भारत AMCA जैसी Gen-5 फाइटर जेट्स की दिशा में काम कर रहा है, तो इस प्रकार के indigenous इंजन की जरूरत और अधिक हो गई है।
निष्कर्ष:
Kaveri Jet Engine भारत के रक्षा अनुसंधान की ताकत का प्रतीक है। यह सिर्फ एक इंजन नहीं, बल्कि आत्मनिर्भरता की ओर एक उड़ान है।
2025 में इसके status, thrust performance, update और latest news को देखकर कहा जा सकता है कि यह परियोजना अब ठोस परिणाम की ओर बढ़ रही है।