
डिजिटल युग में डेटा सबसे महत्वपूर्ण संसाधन बन गया है। जब हम क्लाउड या इंटरनेट के माध्यम से किसी को अपनी जानकारी साझा करते हैं, तो सबसे बड़ी चिंता होती है – “क्या मेरी जानकारी सुरक्षित है?” पारंपरिक एनक्रिप्शन से हम डेटा को सुरक्षित तो करते हैं, लेकिन उस पर गणना करने के लिए उसे पहले डिक्रिप्ट करना पड़ता है। यहीं से एक अत्याधुनिक तकनीक सामने आती है – होमोमॉर्फिक एनक्रिप्शन (Homomorphic Encryption)। यह क्रिप्टोग्राफी का ऐसा क्षेत्र है, जो इस समस्या का हल प्रस्तुत करता है: एन्क्रिप्टेड डेटा पर ही सीधे गणना कीजिए, और परिणाम भी एन्क्रिप्टेड रूप में पाइए। यह लेख तकनीकी और गैर-तकनीकी दोनों पाठकों के लिए उपयुक्त है।
होमोमॉर्फिक एनक्रिप्शन क्या है?
होमोमॉर्फिक एनक्रिप्शन (HE) एक ऐसी क्रिप्टोग्राफिक तकनीक है जो डेटा को इस प्रकार एन्क्रिप्ट करती है कि उस पर गणितीय या तार्किक संचालन (Operations) बिना डिक्रिप्ट किए भी संभव होते हैं। मान लीजिए कि दो संख्याएँ 5 और 3 हैं। यदि हम उन्हें एन्क्रिप्ट करें और फिर जोड़ें, तो परिणाम भी एन्क्रिप्टेड रूप में 8 के समतुल्य होगा। फिर जब हम उस परिणाम को डिक्रिप्ट करेंगे, तो हमें 8 ही मिलेगा — बिना कभी असली डेटा को उजागर किए।
पारंपरिक एनक्रिप्शन बनाम होमोमॉर्फिक एनक्रिप्शन
विशेषता | पारंपरिक एनक्रिप्शन | होमोमॉर्फिक एनक्रिप्शन |
---|---|---|
डेटा प्रोसेसिंग | डिक्रिप्ट करके ही संभव | एन्क्रिप्टेड डेटा पर संभव |
प्राइवेसी का स्तर | सीमित | अत्यधिक |
रिस्क | डेटा एक्सपोज़र का जोखिम | डेटा हमेशा गोपनीय रहता |
उपयोग के उदाहरण | ईमेल, फाइल ट्रांसफर | क्लाउड एनालिटिक्स, AI |
होमोमॉर्फिक एनक्रिप्शन के प्रकार
- Partially Homomorphic Encryption (PHE): केवल एक गणनात्मक क्रिया की अनुमति देता है (जैसे केवल योग या गुणा)। उदाहरण: RSA एन्क्रिप्शन।
- Somewhat Homomorphic Encryption (SHE): सीमित संख्या में विविध गणनाएं कर सकता है। इसकी कार्यक्षमता आंशिक होती है।
- Fully Homomorphic Encryption (FHE): किसी भी संख्या और प्रकार की गणनाएं एन्क्रिप्टेड डेटा पर करने की अनुमति देता है। यह HE का सबसे उन्नत रूप है, लेकिन तकनीकी दृष्टि से सबसे जटिल और संसाधन-गहन भी।
FHE की खोज: 2009 में क्रेग जेंट्री (Craig Gentry) ने FHE की पहली व्यावहारिक योजना प्रस्तुत की थी। तब से लेकर अब तक इसमें कई सुधार हुए हैं जैसे BGV, BFV, CKKS योजनाएँ।
गणितीय आधार और कार्यप्रणाली
होमोमॉर्फिक एनक्रिप्शन की नींव निम्नलिखित पर आधारित है:
- Lattice-based Cryptography: गणितीय जटिलता जो क्वांटम अटैक से भी सुरक्षित मानी जाती है।
- Learning With Errors (LWE) / Ring-LWE: आधुनिक HE योजनाओं की संरचना इन्हीं पर आधारित होती है।
- Modular Arithmetic: परिपथ आधारित गणनाएं जो एन्क्रिप्टेड डोमेन में काम करती हैं।
इन तकनीकों की सहायता से हम ऐसा डेटा संरचना बनाते हैं जिस पर ‘add’ या ‘multiply’ जैसे ऑपरशन्स किए जा सकते हैं बिना plaintext को देखे।
टूलकिट्स और कोड उदाहरण
1. Microsoft SEAL
Microsoft द्वारा विकसित यह एक लोकप्रिय HE लाइब्रेरी है, जो C++ और Python दोनों में उपलब्ध है। इसका उपयोग क्लाउड एप्लिकेशन, फाइनेंस और हेल्थ डेटा एनालिसिस में होता है।
कोड स्निपेट (Python):
import seal
parms = seal.EncryptionParameters(seal.scheme_type.BFV)
parms.set_poly_modulus_degree(4096)
parms.set_coeff_modulus(seal.CoeffModulus.BFVDefault(4096))
parms.set_plain_modulus(1024)
context = seal.SEALContext.Create(parms)
2. IBM HELib
HELib एक C++ लाइब्रेरी है जो BGV योजना पर आधारित है। इसे शैक्षणिक और औद्योगिक दोनों अनुप्रयोगों में इस्तेमाल किया जाता है।
3. Google TFHE
TFHE (Fast Fully Homomorphic Encryption over Torus) बिट-स्तरीय गणनाओं के लिए उपयुक्त है। इसका प्रयोग सुरक्षित मशीन लर्निंग और निजी कंप्यूटिंग में किया जाता है।
वास्तविक जीवन में उपयोग के क्षेत्र
- हेल्थकेयर: मरीजों की मेडिकल रिपोर्ट को गोपनीय रखते हुए विश्लेषण करना। जैसे कि कैंसर ट्रीटमेंट मॉडल को मरीज के डेटा पर ट्रेन्ड करना, बिना उसकी प्राइवेसी को तोड़े।
- फाइनेंस और बैंकिंग: बैंक ग्राहकों के डेटा पर क्रेडिट स्कोरिंग, धोखाधड़ी का पता लगाना और पर्सनलाइज्ड फाइनेंशियल सलाह प्रदान करना — सब कुछ सुरक्षित रूप से।
- क्लाउड एनालिटिक्स: क्लाउड सर्वर पर संवेदनशील कॉर्पोरेट डेटा को बिना डिक्रिप्ट किए प्रोसेस करना। यह बड़ी कंपनियों और सरकारी एजेंसियों के लिए उपयोगी है।
- AI और मशीन लर्निंग: प्राइवेसी सुरक्षित AI मॉडल डेवलप करना — जैसे होमोमॉर्फिक इनफेरेंस।
- सरकारी परियोजनाएं: जनसंख्या आंकड़े, चुनावी डेटा, और राष्ट्रीय स्वास्थ्य डेटा का एनालिसिस – सब कुछ गोपनीय रहते हुए।
लाभ
- डेटा प्राइवेसी का उच्चतम स्तर
- थर्ड पार्टी पर भरोसे के बिना सुरक्षित प्रोसेसिंग
- क्लाउड में संवेदनशील डेटा के उपयोग की अनुमति
- AI और ML में गोपनीय मॉडल ट्रेनिंग संभव
सीमाएँ
- प्रोसेसिंग स्लो होती है (100x–1000x स्लोअर)
- अधिक RAM और CPU की आवश्यकता
- स्केलेबिलिटी चुनौतीपूर्ण
- कोडिंग और इंटीग्रेशन कठिन
हालाँकि, Intel, Microsoft, Duality जैसे बड़े प्लेयर्स लगातार HE को तेज़ और उपयोगी बना रहे हैं।
भारत में स्थिति
भारत में होमोमॉर्फिक एनक्रिप्शन पर अभी रिसर्च शुरुआती चरण में है, लेकिन सरकार और निजी संस्थान दोनों इस पर काम कर रहे हैं:
- IIT मद्रास, IIT खड़गपुर, और IIIT हैदराबाद HE पर पीएचडी और मास्टर्स रिसर्च करा रहे हैं।
- TCS और Infosys हेल्थ इंश्योरेंस और डिजिटल बैंकिंग सेक्टर के लिए प्राइवेसी-प्रिज़र्विंग एनालिटिक्स विकसित कर रहे हैं।
- Bharat Blockchain Project में डेटा शेयरिंग को सुरक्षित करने हेतु HE का ट्रायल चल रहा है।
- भारत सरकार की National Cybersecurity Strategy 2024 के तहत HE को सुरक्षा टेक्नोलॉजी में शामिल करने की सिफारिश की गई है।
निष्कर्ष
होमोमॉर्फिक एनक्रिप्शन एक अत्यंत प्रभावी और क्रांतिकारी तकनीक है जो आने वाले समय में डेटा प्राइवेसी का चेहरा बदल सकती है। चाहे वह क्लाउड कंप्यूटिंग हो, AI मॉडल हो या स्वास्थ्य सेवाएँ — यह तकनीक हर उस क्षेत्र में उपयोगी है जहाँ संवेदनशील जानकारी के साथ काम किया जाता है।
यद्यपि इसकी वर्तमान चुनौतियाँ जैसे प्रदर्शन की धीमी गति और संसाधनों की मांग एक बाधा हैं, लेकिन तेजी से हो रहे नवाचार इसे मुख्यधारा में ला रहे हैं। आने वाले वर्षों में होमोमॉर्फिक एनक्रिप्शन न केवल बड़े संगठनों, बल्कि आम लोगों की डिजिटल सुरक्षा का भी अभिन्न हिस्सा बन जाएगा।