
भूमिका
क्या आपने कभी किसी से यह सुना है कि “इंसान अपने दिमाग का सिर्फ 10% इस्तेमाल करता है”?
यह वाक्य वर्षों से लोगों के मन में बैठा हुआ है। इसे फिल्मों, किताबों और मोटिवेशनल स्पीकर्स ने और भी बढ़ावा दिया है। लेकिन क्या यह वैज्ञानिक रूप से सही है, या यह सिर्फ एक पुराना भ्रम है?
आइए इस पूरे विषय को गहराई से, लेकिन सरल भाषा में समझते हैं।
यह मिथक कहां से आया?
“इंसान सिर्फ 10 प्रतिशत दिमाग का इस्तेमाल करता है” — यह वाक्य पहली बार 20वीं सदी की शुरुआत में प्रचलन में आया।
ऐसा माना जाता है कि यह भ्रम शायद पॉपुलर साइकोलॉजिस्ट विलियम जेम्स या उनके समकालीन लोगों के बयानों से शुरू हुआ, जिन्हें समय के साथ तोड़-मरोड़ कर प्रस्तुत किया गया।
इसके बाद जब फिल्मों जैसे Lucy (2014) और Limitless ने इस विचार को प्रस्तुत किया, तो आम जनता को यह विश्वास और पुख्ता लगने लगा।
विज्ञान क्या कहता है?
वास्तविकता यह है कि इंसानी दिमाग का लगभग हर हिस्सा किसी न किसी कार्य में लगा रहता है।
मेडिकल साइंस, विशेष रूप से fMRI (Functional Magnetic Resonance Imaging) और PET scans जैसे तकनीकी परीक्षण यह दिखाते हैं कि:
- हम जब सोचते हैं, महसूस करते हैं, चलते हैं, खाते हैं, या कोई भी काम करते हैं — हमारा दिमाग लगातार सक्रिय रहता है।
- भले ही कोई एक क्षेत्र किसी विशेष समय में ज्यादा एक्टिव हो, लेकिन दिमाग का कोई भी हिस्सा “बिलकुल बेकार” नहीं होता।
दिमाग की संरचना और उपयोग
इंसानी दिमाग लगभग 1.4 किलोग्राम का होता है और यह शरीर के कुल वजन का लगभग 2% होता है।
इसके बावजूद यह शरीर की 20% ऊर्जा का उपभोग करता है।
दिमाग में लगभग 86 अरब न्यूरॉन्स होते हैं, जो trillions of connections (synapses) बनाते हैं।
इनमें से:
- Frontal Lobe सोच, निर्णय और प्लानिंग के लिए
- Occipital Lobe दृष्टि से जुड़ी जानकारियों के लिए
- Temporal Lobe सुनने और याददाश्त के लिए
- Cerebellum संतुलन और गति के लिए
काम करते हैं।
अब सवाल उठता है — अगर हम केवल 10% दिमाग का इस्तेमाल करते, तो बाकी 90% का विकास ही क्यों होता?
क्या हम दिमाग की क्षमता को बढ़ा सकते हैं?
यह एक दिलचस्प प्रश्न है।
विज्ञान यह मानता है कि हम अपने दिमाग की क्षमताओं को विकसित कर सकते हैं, जैसे:
- सीखने की क्षमता
- स्मरण शक्ति
- एकाग्रता
- समस्याओं को हल करने की योग्यता
लेकिन इसका यह मतलब नहीं कि बाकी दिमाग निष्क्रिय है।
वास्तव में, हर व्यक्ति अलग-अलग स्थितियों में अलग-अलग हिस्सों का उपयोग करता है, और यह पूरी तरह से व्यक्ति विशेष, कार्य और परिस्थितियों पर निर्भर करता है।
दिमाग से जुड़े कुछ रोचक तथ्य (सत्यापित)
- इंसानी दिमाग सोते समय भी सक्रिय रहता है — सपने इसी वजह से आते हैं।
- बाएं और दाएं भाग अलग-अलग कार्यों में माहिर होते हैं, लेकिन दोनों हमेशा मिलकर काम करते हैं।
- दिमाग खुद को बार-बार rewire कर सकता है — इसे Neuroplasticity कहते हैं।
- कोई ऐसा “unused” भाग नहीं है जिसे सक्रिय किया जाए और अचानक सुपरपावर मिल जाए।
फिल्मों और असलियत का अंतर
फिल्मों में जो दिखाया जाता है, वह मनोरंजन के लिए होता है, विज्ञान के लिए नहीं।
जैसे:
- Lucy में दिखाया गया है कि जब कोई 100% दिमाग इस्तेमाल करता है तो उसे टेलीपैथी और समय-यात्रा जैसी शक्तियाँ मिल जाती हैं।
- लेकिन वास्तव में ऐसा कोई भी प्रमाण नहीं है कि दिमाग का “लॉक हुआ हिस्सा” खुल जाए तो अलौकिक शक्तियाँ मिलती हैं।
निष्कर्ष
“इंसान अपने दिमाग का सिर्फ 10% उपयोग करता है” — यह बात केवल एक भ्रम है, जिसका कोई वैज्ञानिक आधार नहीं है।
वास्तव में, हमारा दिमाग लगातार काम कर रहा होता है — चाहे वह हम जाग रहे हों, सोच रहे हों, कुछ नया सीख रहे हों या सपने देख रहे हों।
इसलिए हमें यह समझना चाहिए कि हमारा पूरा दिमाग एक अद्भुत संसाधन है, जिसे सही दिशा, शिक्षा और अनुभव से और बेहतर बनाया जा सकता है।
सुझाव
- बच्चों और युवाओं को इस भ्रम से निकालना ज़रूरी है।
- स्कूल और कॉलेज में इस विषय पर वैज्ञानिक जानकारी दी जानी चाहिए।
- प्रेरणादायक भाषणों में तथ्यों की पुष्टि के बिना इस तरह की बातें दोहराना बंद करना चाहिए।